वक्फ एक्ट के खिलाफ पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान वहां पर हिंसा भड़क उठी जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई. हिंसा को लेकर मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ चुका है. मामले की जांच एसआईटी कर रही है. शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि एसआईटी ने हिंसा में शामिल 35 आतंकवादियों की पहचान की है. इसमें से ज्यादातर आरोपी सीमा पार करके देश में घुसे थे.

मुर्शिदाबाद हमले के मामले में एसआईटी की जांच में शुरुआती तौर पर यह बात सामने आई है कि जांच टीम ने 35 लोगों (आतंकवादियों) की पहचान की है जिन्होंने इस हिंसा में मदद की. इनमें से ज्यादातर सीधे तौर पर बॉर्डर पार कर देश में घुसने वाले आतंकी भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी टीम की जांच में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के साथ इन लोगों के तार जुड़े दिख रहे हैं. ABT बांग्लादेश का एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है.

पुलिस के अनुसार मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में धरपकड़ लगातार जारी है. अब तक इस मामले में पकड़े गए लोगों की संख्या 290 तक पहुंच गई हैं.

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई
इस बीच मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करने जा रहा है. वकील शशांक शेखर झा की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के जरिए मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है.

साथ ही याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में नाकामी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग भी की गई है. याचिका में कहा गया है कि प्रशासन के कमजोर रवैये के चलते मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई.

दूसरी ओर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने मुर्शिदाबाद जिले में हुए सांप्रदायिक दंगों की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में फायदा उठाने के लिए मिलकर हिंसा की साजिश रची.

राज्य सरकार तत्काल कार्रवाई करेः NCW
हालांकि बीजेपी ने आगाह किया कि यदि चुनाव के बाद राज्य में पार्टी की सरकार बनी तो अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जाएगा.

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी घटनास्थल का दौरा करने के बाद राज्य सरकार से हिंसा प्रभावित लोगों, विशेषकर महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे शीघ्र ही केंद्र को सौंपा जाएगा और उसकी प्रतियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएंगी.

विजया रहाटकर ने पिछले हफ्ते शनिवार को मुर्शिदाबाद के बेतबारी, धुलियान, जफराबाद और हिंसा प्रभावित अन्य इलाकों के दौरा किया. वहीं महिला आयोग की टीम ने शुक्रवार को मालदा के वैष्णवनगर में राहत कैंपों का दौरा किया, जहां पास के मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित लोगों ने शरण ले रखी है.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) एक्ट के विरोध में प्रदर्शन के दौरान 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया.