श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के जैतसर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कल सहकारी बैंक और मिनी बैंक के करीब डेढ़ दर्जन खाताधारक पानी की टंकी पर चढ़ गए. ये लोग जैतसर में 2GB ग्राम सेवा सहकारी समिति और 3 जीबी मिनी बैंक में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले का विरोध कर रहे थे. उनका आरोप है कि कुछ लोगों ने मिलकर बैंक के करोड़ों रुपये का गबन कर दिया. पानी की टंकी पर चढ़ने वालों में महिलाएं भी थीं. सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन इंद्रजीत सिंह रंधावा भी प्रदर्शनकारियों के साथ थे और वो भी पानी की टंकी पर चढ़ गए.

उनका कहना था कि जब तक उनके पैसे रिफंड नहीं होंगे तब तक वो टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे. देर रात तक सभी लोग खाताधारकों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वह नीचे उतर आए, पर उन्होंने साफ कह दिया कि हम टंकी से नीचे उतरने को तैयार नहीं हैं, भले ही भूखे ही क्यों न मरना पड़ा. हालांकि, सूरतगढ़ विधायक डूंगर राम गेदर की मौजदूगी में खाताधारकों से बातचीत में प्रशासन से सहमति बनी. खाताधारकों को आश्वासन दिया गया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. तब जाकर कहीं खाताधारक टंकी से 14 घंटे बाद नीचे उतरे.

कई महीनों से दे रहे धरना
विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो कई महीनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसी वजह से उन्होंने मजबूर होकर पूर्व चेयरमैन इंद्रजीत सिंह रंधावा की अगुआई में पानी की टंकी पर चढ़ने का फैसला करना पड़ा. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, कुछ भी हो जाए, ये लोग पैसे लेकर ही नीचे आएंगे, ऐसे नहीं आएंगे, चाहे भूखा ही क्यों न मरना पड़े.

यह है मामला
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि बैंक में यह गबन 2014 से चल रहा था. जब गबन की बात सामने आई तो खाताधारक अपने पैसो की मांग करने लगे. मिली जानकारी के अनुसार, बैंक के 444 खाताधारकों से जानकारी प्राप्त की गई, जिनके पैसों के साथ हेरफेर किया गया. कुल 8.97 करोड़ रुपये के गबन का पता चला है. इसके विरोध में डेढ़ दर्जन खाताधारक पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. यह घटनाक्रम श्रीकृष्ण गोशाला के पास श्मशान घाट में बनी पानी की टंकी का है. खाताधारकों की मांग है कि सभी के पैसे वापस मिलने चाहिए और आरोपियों को गिरफ्तार करके उनकी संपत्ति जब्त की जानी है.

30 जून तक भुगतान होगा
प्रशासन ने खाताधारकों को आश्वासन दिया है कि गबन के आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर 50% राशि का 30 जून तक भुगतान होगा. शेष 50% राशि का भुगतान 31 दिसंबर तक करने पर सहमति बनी है. खाताधारकों के टंकी से नीचे उतरने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली, सहमति बनने पर खाताधारकों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की.