तेज हवाओं और ओलावृष्टि की संभावना, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है. प्रदेश के ऊपर बने उत्तर-दक्षिण द्रोणिका और ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से अगले कुछ दिनों तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा. प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक, तेज हवाएं, अंधड़ और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि और वज्रपात की भी चेतावनी जारी की है. साथ ही, अधिकतम तापमान में फिलहाल किसी खास बदलाव की संभावना नहीं है.
उत्तर-दक्षिण द्रोणिका से बदला मौसम का मिजाज
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश से लेकर दक्षिण तमिलनाडु तक एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका बनी हुई है, जो लगभग 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित है. इसके साथ ही 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक चक्रवाती परिसंचरण भी सक्रिय है, जो विदर्भ, मराठवाड़ा, आंतरिक कर्नाटक होते हुए तमिलनाडु तक फैला है. इन मौसमी प्रणालियों के चलते प्रदेश में नमी बढ़ी है और वातावरण में अस्थिरता बनी हुई है.
बारिश और गरज-चमक की चेतावनी
मौसम विभाग ने 30 अप्रैल को प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है. इसके साथ ही एक-दो स्थानों पर तेज हवाएं चलने (30-40 किमी प्रति घंटा) और अंधड़ के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है. दो दिन बाद हवाओं की रफ्तार और बढ़ सकती है, जो 40-50 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है.
तापमान में परिवर्तन की संभावना नहीं
29 अप्रैल को प्रदेश में मध्यम से तीव्र मेघ गर्जन, गरज-चमक, तेज हवाएं और हल्की से मध्यम बारिश देखी गई. इससे मौसम सुहावना बना रहा. बीते 24 घंटों में कई स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई, जिसमें पेंड्रा में सर्वाधिक 5 सेमी, रामानुजगंज में 3 सेमी, और कई अन्य स्थानों पर 1-2 सेमी बारिश हुई. यहां आज भी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है. प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है. 29 अप्रैल को दुर्ग में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 39.4°C और अंबिकापुर में न्यूनतम 18.8°C रिकॉर्ड किया गया. आने वाले चार दिनों तक तापमान इसी के आस-पास रहने की संभावना है.